Why Nostr? What is Njump?
2024-06-26 09:26:51

राज on Nostr: दण्डनीति। प्र॰। दण्डनीति के ...

दण्डनीति। प्र॰। दण्डनीति के प्रसंग में यथार्ह क्या है। उ॰। अर्ह अर्थात योग्य अथवा उचित। कौटलीय अर्थशास्त्र में इसका यह विवरण है। तीक्ष्णदण्डो हि भूतानामुद्वेजनीयः। मृदुदण्डः परिभूयते। यथार्हदण्डः पूज्यः॥ विनयाधिकारिके विद्यासमुद्देशे दण्डनीतिस्थापना अध्याये॥ अर्थात जो दण्ड जन समाज को क्रोधित ना करे तथा जिसका तिरस्कार अथवा अनादर भी ना हो वही यथार्ह॥ ध्यातव्य। अर्हता द्वारा शास्त्र मर्यादाओं का अतिक्रमण नहीं होता॥ यह भी कहा गया। पुरुषंच अपराधंच कारणं गुरुलाघवम्। अनुबन्धं तदात्वं च देशकालौ समीक्ष्य च। उत्तमावरमध्यत्वं प्रदेष्टा दण्डकर्मणि॥ कण्टकशोधने एकांगवधनिष्क्रयः अध्याये॥ अर्थात दण्ड प्रसंगानुसार परिवर्तनीय॥ स्मृतियों में भी दण्ड की अर्हता का उल्लेख है। जैसे मनु के सप्तमो अध्याय सोलहवाँ सूत्र में॥ दैहिक दण्ड। वर्तमान काल में अन्तरराष्ट्रीय समझौते हैं कि दैहिक दण्ड निषेदित हो। केवल कारावास समय अथवा आर्थिक दण्ड प्रयुक्तव्य। स्वमत है कि पूर्वोक्त वचनों से यह शास्त्र विरोधी नहीं।
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